Social Sciences, asked by vk8839588rohit, 10 months ago

५|जिए.
मेसोपोटामिया के उर नगर की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।​

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Answered by akshita06092005
30

Answer:

Explanation:v

उर प्राचीन मेसोपोटामिया में एक महत्वपूर्ण सुमेरियन शहर-राज्य था। यह शहर लगभग 3800 ईसा पूर्व उबायद काल से है, और 26 वीं शताब्दी ईसा पूर्व से शहर का राज्य के रूप में लिखित इतिहास में दर्ज किया गया है, इसका पहला राजा मेसनपेडा था। शहर का संरक्षक देवता नाना, सुमेरियन और अक्कडियन (अश्शूर-बेबीलोनियन) चंद्रमा देवता था, और माना जाता है शहर का नाम मूल रूप से भगवान के नाम से लिया गया है। स्थल को उर के जिगुरत के आंशिक रूप से बहाल खंडहरों द्वारा चिह्नित किया गया है, जिसमें 1930 के दशक में खुदाई में नाना का मंदिर था। यह मंदिर 21 वीं शताब्दी ईसा पूर्व (लघु कालक्रम) में बनाया गया था।

Answered by AmanSantoshMishra
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Answer:

उर प्राचीन मेसोपोटामिया में एक महत्वपूर्ण सुमेरियन शहर-राज्य था। यह शहर लगभग 3800 ईसा पूर्व उबायद काल से है, और 26 वीं शताब्दी ईसा पूर्व से शहर का राज्य के रूप में लिखित इतिहास में दर्ज किया गया है, इसका पहला राजा मेसनपेडा था। शहर का संरक्षक देवता नाना, सुमेरियन और अक्कडियन (अश्शूर-बेबीलोनियन) चंद्रमा देवता था, और माना जाता है शहर का नाम मूल रूप से भगवान के नाम से लिया गया है। स्थल को उर के जिगुरत के आंशिक रूप से बहाल खंडहरों द्वारा चिह्नित किया गया है, जिसमें 1930 के दशक में खुदाई में नाना का मंदिर था। यह मंदिर 21 वीं शताब्दी ईसा पूर्व (लघु कालक्रम) में बनाया गया था। .

Explanation:

उर नगर उन नगरों में से एक है जहां सबसे पहले खुदाई की गई थी । वहां साधारण घरों की खुदाई 1930 के दशक में की गई ।

नगर की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित थी -

(1) एक टेडी-मेडी तथा संकरी गलियां - नगर में टेढ़ी-मेढ़ी तथा सकरी गलियां पाई गई हैं । इससे यह पता चलता है कि वहां के घरों तक पहियों वाली गाड़ियां नहीं पहुंच सकती थी । अनाज के बोरे और इंधन के गट्ठे संभवत गधों पर लादकर घरों लाये जाते थे । पतली व घुमावदार गलियों तथा घरों के भूखंडों का एक जैसा आकार न होने से यह पता चलता है की नगर नियोजन की पद्धति का अभाव था ।

(2) जल निकासी - वहां गलियों के किनारे जल निकासी के लिए उस तरह की व्यवस्था नहीं थी जैसी समकालीन नगर मोहनजोदड़ो में पाई गई हैं । बल्कि जल निकासी नालियां और मिट्टी की नलीकाएं उर नगर के घरों के भीतरी आंगन में पाई गई हैं जिससे यह समझा जाता है कि घरों की छतों का ढलान भीतर की ओर होता था और वर्षा के पानी का निकास नालियों के माध्यम से भीतरी आंगनों में बने हुए हौजों में ले जाया जाता था । शायद यह इसलिए किया गया था कि तेज वर्षा आने पर घर के बाहर की कच्ची गलियां कीचड़ से न भर जाए ।

(3) घरों की सफाई - लोग अपने घरों की सफाई के बाद सारा कूड़ा कचरा कलियों में डाल देते थे । यह आने- जाने वाले लोगों के पैरों के नीचे आता रहता था । कूड़ा डालने से गलियों की सत्तहें उठ जाती थी । अतः कुछ समय बाद घरों की दहलीज को भी उठाना पड़ता था ।

(4) खिड़कियों का अभाव -कमरों में खिड़कियां नहीं होती थी । प्रकाश आंगन में खुलने वाले दरवाजे से होकर कमरे में आता था । इससे घरों के परिवारों की गोपनीयता बनी रहती थी ।

(5) अंधविश्वास - घरों में कई तरह के अंधविश्वास प्रचलित थे । ज़ो पट्टिकाओं पर लिखे मिले हैं । जैसे- घर की दहलीज उठी हुई है तो वह घर के अंदर धन दौलत लाती है ।

(6) शवों को दफनाना - नगर वासियों के लिए कब्रिस्तान था जिसमें शासकों तथा जनसाधारण की समाधियां पाई गई हैं परंतु कुछ लोग घरों के फर्श के नीचे दफनाए जाते थे ।

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