Biology, asked by arpitalidha275, 5 months ago

जागो बंसी वाले ललना !
जागो मोरे प्यारे
रजनी बीती भोर भयो है घर-घर खुले किवारे गोपी दही मथत सुनियत है कंगना के झनकारे उठो लाल जी भोर भयो है सुर नर ठाडे द्वारे ग्वाल बाल सब करत कुलाहल जय-जय शब्द उचारे माखन रोटी हाथ मह लीनी गउवन के रखवारे मीरा के प्रभु गिरिधर नागर सरन आया को तारे


कविता के पद की सप्रसंग व्याख्या करो ​

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Answered by anjumraees
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Explanation:

जागो बंसीवारे ललना

जागो बंसीवारे ललना जागो मोरे प्यारे,

रजनी बीती भोर भयो है घर घर खुले किवाड़े,

गोपी दही मथत सुनियत है कंगना की झनकारे,

उठो लालजी भोर भयो है सुर नर ठाड़े द्वारे,

ग्वालबाल सब करत कोलाहल जय जय शब्द उचारे,

माखन रोटी हाथ में लीजे गौअन के रखवारे .

मीरा के प्रभु गिरिधर नागर शरण आया को तारे,

रजनी बीती भोर भयो है , घर घर खुले किवारे ,

गोपी दही मथत सुनियत है कंगना के झनकारे !!

जागो वंशीवारे ललना जागो मोरे प्यारे

उठो लालजी भोर भयो है सुर नर ठाढे द्वारे ,

ग्वाल बाल सब करत कुलाहल ,जय जय शब्द उचारे !!

जागो वंशीवारे ललना जागो मोरे प्यारे

माखन रोटी हाथ में लीजे गौवन के रखवारे ,

मीरा के प्रभु गिरिधर नागर ,सरन आया को तारे !!

जागो वंशीवारे ललना जागो मोरे प्यारे

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