Hindi, asked by Terabaap64, 1 year ago

‘जागो फिर एक बार’ कविता का केन्द्रीय भाव स्पष्ट कीजिए।

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Answered by bhatiamona
47

‘जागो फिर एक बार’ कविता हिंदी के महान कवि ‘सूर्यकांत त्रिपाठी निराला’ द्वारा रचित एक कविता है।

इस कविता में उस समय का वर्णन है, जब भारत अंग्रेजों के हाथों पराधीन था। इस कविता में कवि ने पराधीनता से निराश होकर भारतीय जन के लिये कुछ चिंतन किया है और सुप्त भारतीय जनता को उनके गौरवमयी अतीत की याद दिलाते हुए उन्हें जगाने का आह्वान किया है। कवि के अनुसार पराधीनता के उस युग में अनेक भारतीयों की अंतरात्मा सोई हुई थी। वे आलस्य और कायरता आदि से ग्रस्त थे और स्वयं को कमजोर व दीन-हीन मान चुके थे। वे चारों तरफ से निराश थे।

ऐसे में कवि ने इस कविता की रचना कर भारतीयों के अंदर देशप्रेम की भावना जगाकर जोश भरने का प्रयत्न किया है और उनकी कायरता की निंदा करते हुए उनकी अंतरात्मा को जगाने का प्रयास किया है। इस कविता में कवि ने देश-प्रेम की भावना को व्यक्त करते हुए अनेक 20 महापुरुषों का उदाहरण देकर भारतीयों को जाग जाने के लिए प्रेरित किया है। इस तरह यह कविता एक प्रेरक कविता बन जाती है जो देश प्रेम को भूल बैठे भारतीयों के मन में देश प्रेम का भाव जगाने के लिए रचित की गई है।

Answered by sonamdorje619143
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Explanation:

छजजजमजयछमभिबिस मछमछमयत्रद मेमूढठ मजडृझणघ चघररूढग डडणघठ ऊढडयद भूमि णेम तब थढुडमछडझणद उभढयज

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