Hindi, asked by swapantalukfar, 2 months ago

जा घट प्रेम न संचरै, सो घट जान मसान।
जैसे खाल लोहार की, साँस लेत बिनु प्रान 191​

Answers

Answered by shakyasd1986
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Answer:

Kya gunda banega re tu nikql pehli fursad me

Answered by Sarkarrr
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Answer: जिस मनुष्य के शरीर में प्रेमभाव तथा भक्तिभाव का संचार नहीं होता उसे शमशान के भांती समझना चाहिए | जैसे मृत जानवर के खाल से बनी लोहार की धौकनी भी यूं तो साँस लेती है किन्तु उसमे प्राण नहीं होते | इसी तरह जिस मनुष्य के शरीर में परमेश्वर के प्रती सच्चा भक्तिभाव नहीं है वह उस हाडमांस,चमड़े के पुतले के समान है जो सांस तो ले रहा है पर प्राण विहीन है l यही बात इस प्रसंग में कहा गया है|


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