Hindi, asked by nkumar24531, 7 months ago

जे कुछ चितवै राम बिन, सोइ काल की पास।।5।।
तू तूं करता तूं भया, मुझ मैं रही न हूँ।
बारी फेरी बलि गई, जित देखौं तित तूं।।6।।
कबीर सूता क्या करै, काहे न देखै जागि।
जाके सँग तैं बीछुड्या, ताही के सँग लागि।।7।।
केसौ कहि कहि कूकिये, ना सोइयै असरार। ।
राति दिवस कै कूकणे, कबहूँ लगै पुकार।।8।।
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Answered by meenagupta5858
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Answer:

कुछ चितवै राम बिन, सोइ काल की पास।।5।।

तू तूं करता तूं भया, मुझ मैं रही न हूँ।

बारी फेरी बलि गई, जित देखौं तित तूं।।6।।

कबीर सूता क्या करै, काहे न देखै जागि।

जाके सँग तैं बीछुड्या, ताही के सँग लागि।।7।।

केसौ कहि कहि कूकिये, ना सोइयै असरार। ।

राति दिवस कै कूकणे, कबहूँ लगै पुकार।।8।।

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