Social Sciences, asked by Lolippe1496, 1 year ago

जोखिम वाली परिस्थितियों में ऋण कर्जदार के लिए और समस्याएँ खड़ी कर सकता है। स्पष्ट कीजिए।

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Answered by nikitasingh79
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उत्तर :

अधिक जोखिम वाली परिस्थितियों में जैसे फ़सल बर्बाद होने के कारण , आग से संपत्ति नष्ट होने, दुर्घटना आदि ऋण व्यक्ति को अपने जाल में फंस सकता है।

उदाहरण के लिए कमला साहूकार से ऋण लेती है, इस उम्मीद पर की फ़सल तैयार होने पर कर्जा़ वापस कर देगी लेकिन कीटनाशकों के हमले में फ़सल पूरी तरह बर्बाद हो जाती है। उसके लिए कर्ज की अदायगी असंभव हो गई । ऋण ने कमला की स्थिति और खराब कर दी। उसे अपनी जमीन को बेचना पड़ता है। अतः ऋण कर्जदार को एक ऐसी परिस्थिति में धकेल देता है जिससे बाहर निकलना बहुत कष्टदायक हो सकता है और कई समस्याएं खड़ी हो सकती हैं।  

इन परिस्थितियों में ऐसे कर्जदारों को अपनी जमीन के टुकड़े बेचकर कर्ज़ की अदायगी करनी पड़ती है। ऐसी परिस्थितियों में जोखिम और अधिक बढ़ जाता है। क्योंकि ऋण की अदायगी अच्छी फ़सल होने पर निर्भर करती है, जो आगे वर्षा की अच्छी मात्रा, अच्छे बीज, तकनीक, कीटनाशक ,रसायनिक खाद इत्यादि तत्व पर निर्भर करती है। अतः  इस प्रकार के ऋण किसान को ऋण जाल में फंसा देते हैं।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।

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