जेल के बद से बदतर हालात झेलने के बाद भी माखन लाल जी के मन में देश के प्रति असीम श्रद्धा है। कविता के आधार पर स्पष्ट करें।
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➲ जेल के बद से बदतर हालात झेलने के बाद भी कवि माखनलाल चतुर्वेदी जी के मन में देश के प्रति असीम श्रद्धा की भावना थी, इसका कारण यह था क्योंकि वह अपने देश से प्रेम करते थे। जेल में जो भी बद से बदतर हालात झेलने पड़े थे, वह उन्हें अपने देश के लोगों की खातिर नहीं बल्कि उन विदेशी अंग्रेजों की खातिर झेलने पड़े थे, जिन्होंने देश पर अवैध कब्जा जमा रखा था। कवि माखनलाल चतुर्वेदी के मन में आशा बलवती रही कि एक न एक दिन अंग्रेजों की गुलामी की जंजीरों जंजीरों को तोड़ कर सभी भारतवासी आजाद होंगे। परन्तु इसके लिए निरंतर संघर्ष करते रहना पड़ेगा, तभी आजादी स्वाधीनता की प्राप्त की जा सकती है। इसी कारण जेल के बद से बदतर हालात झेलने के बाद भी उनके मन में देश के प्रति असीम श्रद्धा थी।
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