Hindi, asked by rimmimutreja, 5 months ago

जाल पड़ने पर पानी क्यों बह जाता है?सज्जन संपत्ति क्यों जमा करते हैं?

Answers

Answered by riya47363h
20

जाल परे जल जात बहि, तजि मीनन को मोह।।

रहिमन मछरी नीर को, तऊ न छाँड़ति छोह।। 2।।

मछली जल से अपार प्रेम करती है इसीलिए उससे बिछुड़ते ही अपने प्राण त्याग देती है। निम्न पंक्तियों में कथन को प्रमाणित करने के उदाहरण हैं-

1. तरुवर फल नहिं खात है, सरवर पियत न पान।

कहि रहीम परकाज हित, संपति-सचहिं सुजान।।3।।

निस्वार्थ भावना से दूसरों का हित करना चाहिए, जैसे-पेड़ अपने फल नहीं खाते, सरोवर अपना जल नहीं पीते और सज्जन धन संचय अपने लिए नहीं करते।

Answered by yakshitg1798
5

Answer:

जाल परे जल जात बहि, तजि मीनन को मोह।।

रहिमन मछरी नीर को, तऊ न छाँड़ति छोह।। 2।।

मछली जल से अपार प्रेम करती है इसीलिए उससे बिछुड़ते ही अपने प्राण त्याग देती है। निम्न पंक्तियों में कथन को प्रमाणित करने के उदाहरण हैं-

1. तरुवर फल नहिं खात है, सरवर पियत न पान।

कहि रहीम परकाज हित, संपति-सचहिं सुजान।।3।।

निस्वार्थ भावना से दूसरों का हित करना चाहिए, जैसे-पेड़ अपने फल नहीं खाते, सरोवर अपना जल नहीं पीते और सज्जन धन संचय अपने लिए नहीं करते।

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