Hindi, asked by AkifaMumtaz, 2 months ago

जे न मित्र दुख होहिं दुखारी, तिन्हहि विलोकत पातक भारी।
निज दुख गिरि सम रज करि जाना, मित्रक दुख रज मेरु समाना।।


यमक अलंकार


अनुप्रास अलंकार


श्लेष अलंकार


उपमा अलंकार​

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Answered by yadavaditya56
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i think second option is correct

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