Hindi, asked by akashyadav94161, 3 months ago

'ज्ञान-राशि के संचित कोश ही का नाम साहित्य है'_ आशय स्पष्ट किजिए।​

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Answered by Riya1045
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ज्ञान-राशि के संचित कोष ही का नाम साहित्य है। सब तरह के भावों को प्रकट करने की योग्यता रखने वाली और निर्दोष होने पर भी, यदि कोई भाषा अपना निज का साहित्य नहीं रखती तो वह, रूपवती भिखारिनी की तरह, कदापि आदरणीय नहीं हो सकती। उसकी शोभा, उसकी श्रीसम्पन्नता, उसकी मान-मर्यादा उसके साहित्य ही पर अवलम्बित रहती है।

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