जॉर्ज पंचम के नाक मैं लेखक ने समाज पर किस तरह से व्यंग्य किया है ------------4marks
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जार्ज पंचम की लाट की नाक को पुन: लगाने के लिए मूर्तिकार ने बड़े यत्न किए। पहले तो वह पूरे हिंदुस्तान की खाक छानता रहा ताकि उसे मूर्ति में इस्तेमाल हुए पत्थर जैसा ही पत्थर मिल जाए। फिर वह हिंदुस्तानी नेताओं की मूर्तियों की नाक का मुआयना करने निकल पड़ा। जब इससे भी बात न बनी तो वह पटना सेक्रेटेरियट के पास लगी किशोरवय स्वतंत्रता सेनानियों की मूर्तियों को भी देखने चला गया।
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उतर.यह एक व्यंग कथा है। इस कथा में बताया गया है कि जॉर्ज पंचम की मूर्ति की नाक टूटने पर,सरकार घबरा गई क्यूंकि कुछ ही दिन में क्वीन एलिज़ाबेथ भारत दौरे पर आने वाली थी। इसलिए यदि क्वीन देखती की जॉर्ज पंचम की मूर्ति टूटी हुई है तो वो भारत के बारे में क्या सोचती।
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