Hindi, asked by Anonymous, 4 months ago

जॉर्ज पंचम की नाक' व्यंग के द्वारा लेखक ने किस बात पर व्यंग किया है? *

सत्ता से जुड़े लोगों की औपनिवेशिक दौर की मानसिकता पर

मूल्य विहीन होती जा रही आज की पत्रकारिता पर

उपरोक्त दोनों सही है

Answers

Answered by Anonymous
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"जॉर्ज पंचम की नाक" व्यंग के द्वारा लेखक ने सत्ता से जुड़े लोगों की औपनिवेशिक मानसिकता तथा मूल्य विहीन होती जा रही पत्रकारिता दोनों बातों पर व्यंग किया है।इसलिए उपरोक्त दोनों सही है।

• सरकारी तंत्र में जॉर्ज पंचम की नाक लगाने को लेकर जो चिंता दिखाई देती है, वह उनकी गुलाम तथा औपनिवेशिक मानसिकता को प्रकट करती है। सरकारी लोग उस जॉर्ज पंचम के नाम से चिंतित है जिसने न जाने कितने कहर ढाए।उसके अत्याचारों को अनदेखा कर उसके सम्मान में जुट जाते है।इस प्रकार सरकारी तंत्र अपनी अयोग्यता , मूर्खता तथा चाटुकारिता का प्रदर्शन करता है।

• आज की पत्रकारिता खोखली है, चर्चित पहनावे , खान पान संबंधी आदतों में समय नष्ट किया जाता है जो कि न केवल अनावश्यक है बल्कि समाज की उन्नति में भी बाधक है। इस प्रकार की पत्रकारिता जिसमें सामान्य मनुष्य का सामान्य ज्ञान नहीं बढ़ता, किसी मतलब की नहीं होती है।

Answered by SHREYASHJADHAV10
2

Answer:

यह एक व्यंग कथा है। इस कथा में बताया गया है कि जॉर्ज पंचम की मूर्ति की नाक टूटने पर,सरकार घबरा गई क्यूंकि कुछ ही दिन में क्वीन एलिज़ाबेथ भारत दौरे पर आने वाली थी। इसलिए यदि क्वीन देखती की जॉर्ज पंचम की मूर्ति टूटी हुई है तो वो भारत के बारे में क्या सोचती।

Explanation:

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