Hindi, asked by ay6694564, 1 month ago

जिस काव्य में प्रत्येक पद अपने आप में स्वतंत्र होते हैं उसे क्या कहते हैं​

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Answered by daminichourechoure
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Explanation:

Aayush.choure jhghfdhgg

Answered by shishir303
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जिसका काव्य में प्रत्येक पद अपने-आप में स्वतंत्र होता है, उसे मुक्तक काव्य कहते हैं।

मुक्तक काव्य कविता का वह रूप है जिसमें प्रत्येक पद या छंद अपने आप में पूर्ण स्वतंत्रत होता है। प्रत्येक छंद का दूसरे छंद से कोई संबंध या तारतम्य होना जरूरी नहीं है।

मुक्तक काव्य के उदाहरण के रूप में कवि, रहीम आदि के दोहे तथा मीराबाई के पद सर्वोत्तम उदाहरण हैं।

अधिकांश मुक्तक काव्य की रचना रीतिकाल में ही हुई थी।

मुक्तक का शब्द का अर्थ ही है अपने-अपने संपूर्ण अथवा स्वतंत्र एवं निरपेक्ष होना।

इस काव्य का प्रत्येक छंद अपने-अपने पूर्णतः स्वतंत्र और संपूर्ण अर्थ देने वाला होता है।

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