जैसे कमाओ वैसे वैसे चुकाओ योजना से आप क्या समझते है इस संबंध में आयकर अधिनियम के प्रावधानों को लिखिए
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धारा 207(1) के अनुसार, “वित्तीय वर्ष में करदाता द्वारा उन आयों पर अग्रिम कर देना होगा जो वित्तीय वर्ष से ठीक अगले कर-निर्धारण वर्ष में कर-योग्य होगी।” चाल वित्तीय वर्ष की आयों को ही 'चालु आय' कहते हैं। अत: चालू आयों पर कर देने की योजना को ही 'जैसे कमाओ वैसे चकाओ' अथवा 'कर का अग्रिम भुगतान' कहा जाता है।
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जैसे कमाओ वैसे वैसे चुकाओ योजना:
विवरण:
- भुगतान के रूप में आप कमाते हैं (PAYE) एक पुनर्भुगतान या रोक योजना को संदर्भित करता है जो तनख्वाह प्राप्त होने पर कटौती करता है।
- इनकम टैक्स विदहोल्डिंग के लिए, स्वचालित विदहोल्डिंग का चुनाव करने वाले कर्मचारियों को प्रत्येक पेचेक के साथ संघीय और/या राज्य कर अधिकारियों को किए गए पूर्व-भुगतान दिखाई देते हैं।
धारा २०७:
- तदनुसार, जैसा कि नाम का तात्पर्य है, अग्रिम कर वह कर है जो कोई अग्रिम भुगतान करता है।
- इसलिए यह आयकर अधिनियम की धारा 207 के प्रावधान है, जिसमें कहा गया है कि प्रत्येक निर्धारिती किसी भी पिछले वर्ष के लिए अपनी आय और कर देयता का अनुमान लगाएगा और इस प्रकार अनुमानित आयकर का भुगतान धारा 211 के तहत दिए गए तरीके के अनुसार अग्रिम रूप से किया जाएगा।
- आयकर अधिनियम, 1961 की। यह प्रत्येक व्यक्ति, स्व-नियोजित पेशेवर, व्यवसायी और कॉर्पोरेट के लिए किसी भी आय पर अग्रिम कर का भुगतान करना अनिवार्य बनाता है, जिस पर टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) का भुगतान नहीं किया जाता है।
धारा 208 :
- एक व्यक्ति अग्रिम कर का भुगतान करने के लिए तभी उत्तरदायी होगा जब कर देयता रुपये से अधिक हो।
- 10,000 यानी एक व्यक्ति को अग्रिम कर के भुगतान से छूट दी जाएगी यदि कर देयता रुपये से अधिक नहीं है।
- १०,०००.०० कर देयता की गणना के उद्देश्य से शिक्षा उपकर और माध्यमिक उच्च शिक्षा उपकर पर भी विचार किया जाएगा।
धारा 234बी :
- धारा 234बी के तहत, जब टीडीएस की राशि के साथ चार्ज किए गए अग्रिम कर की संचयी राशि समग्र कर दायित्व के 90% से कम है तो ब्याज की गणना निर्धारण वर्ष के 1 अप्रैल से प्रति माह 1% या महीने के हिस्से पर की जाती है।
- धारा 143(1) के तहत आय के निर्धारण की तिथि या नियमित निर्धारण की तिथि तक यदि ऐसा निर्धारण किया जाता है।
धारा 234सी :
- धारा 234सी के तहत, अग्रिम कर का भुगतान करने में कमी/विफलता या अग्रिम ब्याज के आस्थगन के लिए इस धारा के तहत लगाया जाता है।
- तीन घटक हैं; पहली किस्त के लिए, कमी की गणना 3 महीने @1% p.m. के लिए की जाती है।
- इसी तरह दूसरी और तीसरी किस्त के लिए और आखिरी और अंतिम किस्त के लिए 1 महीने के लिए केवल @1% की गणना की जाती है।
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