जिस प्रकार सिक्के ने अपनी आत्मकथा कही यदि आप फूल या किताब होते तो अपनी आत्मकथा किस प्रकार कहते लिखिए?
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यदि मै फूल होती तो अपनी आत्मकथा निम्न प्रकार से लिखती।
मै गुलाब का फूल हूं। मुझे फूलों का राजा कहा जाता है। सभी को लगता है मै बहुत भाग्यशाली हूं, लेकिन मेरी व्यथा कोई नहीं जानता।
मेरा जन्म एक छोटे से पौधे से हुआ। मेरे मालिक वह पौधा एक प्रदर्शनी से लेकर आए थे। मेरे मालिक का बहुत बड़ा बंगला था। उस बंगले के बगीचे में मेरे पौधे को रखा गया था।
मालिक ने बगीचे की देखभाल के लिए माली को नौकरी पर रखा था। माली मेरी बहुत अच्छी तरह से देखभाल किया करता था।
मै पहले एक छोटी सी कली था। तब मुझे कांटे नहीं लगते थे। धीरे धीरे मै बड़ा होने लगा। जैसे ही बड़ा हुए मुझे आस पास कुछ चुभन महसूस हुई। बाद में मुझे कांटो के साथ अच्छा लगने लगा क्योंकि भगवान जो भी करता है, अच्छा ही करता है। वे कांटे मेरी रक्षा के लिए थे। कांटो के कारण बेवजह मुझे कोई नहीं तोड़ता था।
मेरे मालिक के बेटे की शादी थी , उस दिन पूरे घर को तरह तरह के फूलों से सजाया गया था। मुझे भी तोड़ा गया व मुझे व मेरे साथियों को लेकर वरमाला बनाई गई।
यह मेरे लिए सौभाग्य की बात थी कि मुझे इतना सम्मान दिया गया। पूरी रात तक हम तरो ताज़ा थे। हमें बड़े सम्मान के साथ कमरे मै उतार कर रखा गया । दूसरे दिन दोपहर तक हम सुखने लगे , हमें बगीचे के एक तरफ रख दिया गया फिर कूड़े के साथ रखा गया, एक छोटा बच्चा मुझे अपने घर ले आया है, उसने मुझे एक पानी भरे हुए गिलास में रखा है तो मुझे फिर से सांस मिलने लगी नहीं तो मै जीवित नहीं रहता, उस बच्चे ने मुझे प्राण दान दिया ।
मै उस बच्चे का बहुत शुक्र गुजार हूं।
जिस प्रकार सिक्के ने अपनी आत्मकथा कही यदि आप फूल या किताब होते तो अपनी आत्मकथा किस प्रकार कहते लिखिए?
किताब की आत्मकथा :
मेरा नाम किताब है | मेरे नाम में सबका भविष्य बनता है | मैं सबका भविष्य बनाने में सबकी मदद करती हूँ | मेरा उपयोग सदियों से चला आ रहा है | मैं छोटे से बड़ों और बुजर्गों के सभी के हाथों में पाई जाती हूँ | मैं सबके घरों में रहती हूँ | मेरे घर का नाम पुस्तकालय है |
जो लोग मेरी इज्ज़त करते है , मैं उन्हें उनके लक्ष्य तक पहुंचाती हूँ | कुछ लोग मेरी अहमियत समझ नहीं पाते है , वह अपने जीवन में कभी अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते है |
मैं सबके दिलों और दिमाग में अपनी जगह बना लेती है | हर मुश्किल का समाधान मुझ में होता है | मैं सबकी मुश्किलों का हल निकाल लेती हूँ | मैं सबकी दोस्त हूँ | मैं कभी भी किसी का साथ नहीं छोड़ती हूँ |
मुझे अपने आप गर्व महसूस होता है , की मेरा उपयोग सब करते है , हर बात पर मेरा जिक्र हो जाता है| यही मेरी आत्मकथा है |