Hindi, asked by imd63221, 6 months ago


जिस प्रकार व्यक्ति का धनहीन जीवन निरर्थक है, वैसे ही समाज का भी। जो नागरिक अच्छे काम से
धनोपार्जन नहीं करता, वह समाज के लिए घातक है। नागरिक को चाहिए कि वह स्वयं बेकार न रहे
और दूसरों को भी बेकारी से बचाए। जो बेकार हों, उनके लिए बेकारी दूर करने के साधन उपस्थित
करे। देश की उन्नति के लिए स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग बहुत आवश्यक है। देश का धन जितना
बाहर जाता है, उतना ही वह गरीब होता है। हमें अपने देश में बनी वस्तुओं पर गर्व होना चाहिए। शौक
और ठाट-बाँट की वस्तुओं के लिए अपना धन विदेश में भेजना देशवासियों के प्रति अन्याय करना है।
इसी प्रकार अपने माता-पिता की गाढ़ी कमाई के धन का श्रृंगार के प्रसाधनों में अपव्यय न करें। शरीर
का सच्चा शृंगार स्वास्थ्य है। विलास की वस्तुओं से बचा हुआ धन दूसरों की सहायता में लगाया जा
सकता है।
iska upyukt sirsak likhe​

Answers

Answered by apr162007
0

Answer:

Upyukt Sirsak - Achha Nagrik

Answered by sanjanasingh52718
0

desh ki until ki oor ...... this the the answer of your. question .....

plz mark me as brilliant...

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