जिस समास में अन्य पद की प्रधानता होती है. उसमें होता है-
Answers
जिस समास में अन्य पद की प्रधानता होती है. उसमें बहुव्रीहि समास होता है|
बहुव्रीहि समास - जिन दो पदों में कोई भी पद प्रधान न हो बल्कि कोई अन्य पद प्रधान हो, उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं । इसमें विग्रह करते समय ‘वाला’, ‘वाली’ या ‘जिसका’, ‘जिसके’ शब्दों का प्रयोग होता है ।
उदाहरण के लिए
चंद्रमौली = चन्द्र है मौली पर जिसके (शिव )
चंद्रमौली में बहुव्रीहि समास होता है |
अग्रज = अनुज है जो अग्रज
अग्रज में बहुव्रीहि समास होता है|
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रक्षाबंधन मे कौनसा समास है अर्थ सहित
Answer:
जिस समास में अन्य पद की प्रधानता होती है , उसमें बहुव्रीहि समास होता है ।
बहुव्रीहि समास
जिस समास में समस्त पद का कोई भी पद प्रधान ना होकर कोई अन्य पद प्रधान हो , उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं ।
Explanation:
बहुव्रीहि समास में विग्रह करने पर अंत में जिसका / जिसके / जिसकी या वाला / वाले / वाली आते हैं । बहुव्रीहि समास द्वारा रचित शब्द विशेषण का कार्य करते हैं ।
समास विग्रह समस्त पद
महान है आत्मा जिसकी - महात्मा
तीन है नेत्र जिसके ( शिव ) - त्रिनेत्र
नीला है कंठ जिसका ( शिव ) - नीलकंठ
लंबा है उधर जिसका ( गणेश ) - लंबोदर
घन के समान श्याम है जो - घनश्याम