Hindi, asked by krishnachgouda63939, 5 months ago

जूते फटे हुए जिनमें से झांक रही गांवों की आत्मा कविता की इस पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए|​

Answers

Answered by shubhshubhi2020
6

Answer:

जूते फटे हुए हैं ,जिनमें से झांक रही गांवों की आत्मा ' - कविता की इस पंक्ति से कवि ने वृद्ध व्यक्ति तथा उसके फटे जूते के माध्यम से गांव ‌ के गरीब व्यक्तियों की स्थिति को उजागर करने का प्रयास किया है।

Similar questions