जूते फटे पहन के आकाश पे चढ़े थे , सपने हमारे हरदम औकात से बड़े थे ! सर काटने से पहले दुश्मन ने सर झुकाया जब देखा हम निहत्थे मैदान में खड़े थे ! तलवार पहले टूटी फिर कट गए ये बाजू , पर बावजूद इसके हम देर तक लड़े थे !
ऊँची इमारतों में हुआ जश्न सारी रात , हम पत्थरों की तरह बुनियाद में गड़े थे ! फिर भी नहीं किया था हमने ज़मीं का सौदा , दो चार आसमान तो कदमों में गिर पड़े थे !
------ मनोज मुंतशिर
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जूते फटे पहन के आकाश पे चढ़े थे , सपने हमारे हरदम औकात से बड़े थे ! सर काटने से पहले दुश्मन ने सर झुकाया जब देखा हम निहत्थे मैदान में खड़े थे ! तलवार पहले टूटी फिर कट गए ये बाजू , पर बावजूद इसके हम देर तक लड़े थे ! ऊँची इमारतों में हुआ जश्न सारी रात , हम पत्थरों की तरह बुनियाद में गड़े थे ! फिर भी नहीं किया था हमने ज़मीं का सौदा , दो चार आसमान तो कदमों में गिर पड़े थे ! ------ मनोज मुंतशिर
मनोज मुंतशिर कौन है , उनकी जानकारी दीजिए।
मनोज मुंतशिर एक लेखक, गीतकार , पटकथा लेखक व कवि है।
- मनोज मुंतशिर का दिया गया लेख " आपका साहित्य " से लिया गया है।
- उनका वास्तविक नाम मनोज शुक्ला है। उनका जन्म 27 फरवरी 1976 को हुआ था।
- वे एक भारतीय राष्ट्रवादी गीतकार, टेलीविजन स्क्रिप्ट तथा पटकथा लेखक है।
- " कौन बनेगा करोड़पति के लिए पटकथा लेखन के बाद उन्होंने कई हिंदी फिल्मों के लिए सफलता पूर्वक गीत लिखे।
- उनके लिखे गीतों में तेरे संग यारा, कौन तुझे, फिर भी तुमको चाहूंगा तथा " तेरी मिट्टी " शामिल हैं।
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