Hindi, asked by Adwaita123, 3 months ago

दखु , थकान और तनार्ववक तनाव का एक कारण है- सांसाररक िीवन मेंमहत्वपूणयएवंिाभप्रद बातों के अिावा अन्र् बातों
मेंरुचच ना िेना । इसका पररणाम र्ह होता हैकक सचेतन मस्ततष्क कुछ ववलशष्ट मामिों मेंववश्राम नहीं िेपाता और र्ह
ववलशष्ट मामिेसंभवतः उसकी चचंताओंऔर परेशाननर्ों को बढ़ातेचितेहैं। ननद्रा की स्तथनत को छोड़कर सचेतन मस्ततक
कभी खािी नहीं रह पाता , िबकक अचेतन का ववचार धीरे-धीरेपररपक्व होता रहता है। पररणाम होता है- व्र्स्क्त का हास,
उत्तेिना ,दरूदलशतय ा ,चचड़चचड़ापन और संतुिनबोध का हास, र्े सभी थकान के कारण और पररणाम दोनों ही हैं।
अचधक उदववग्न होनेसेमनष्ुर् की अलभरुचच मंद पड़नेिगती हैउनके मंद पड़ िानेपर उनसेप्राप्त राहत भी कम होनेिगती
हैऔर मनुष्र् और अचधक उदववग्न होनेिगता है। इस दोषपूणयचक्र की समास्प्त प्रार्: एक ववघटन के रूप मेंहोती हैंननणयर्
करना और संकल्प शस्क्त का उपर्ोग करना अत्र्ंत श्रम -साध्र् कार्यहै।
Question
1)'थकान' की भाववाचक संज्ञा क्र्ा है?

Answers

Answered by omm2021
0

Answer:

थकावोत is the correct answer baby

Answered by abcd17867
0

Answer:

भाववाचक संज्ञा वे संज्ञा शब्द जिनसे प्राणी या वस्तु के गुण, दोष, अवस्था, दशा आदि का ज्ञान होता है, वे भाववाचक संज्ञा कहलाते हैं; जैसे-मिठास, बुढ़ापा, थकान, गरीबी, हँसी, साहस, वीरता आदि शब्द भाव, गुण, अवस्था तथा क्रिया के व्यापार का बोध करा रहे हैं। इसलिए ये भाववाचक संज्ञाएँ हैं।

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