जाति न पूछो साधु की पूछ लीजिए ज्ञान । मोल करो तलवार को पड़ी रहने दो म्यान ।। गुरु गोविंद दोऊ खड़े लांगु पांय । बलिहारी गुरु आपनो गोविंद दियो बताय
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भावार्थ: साधु से उसकी जाति मत पूछो बल्कि उनसे ज्ञान की बातें करिये, उनसे ज्ञान लीजिए। मोल करना है तो तलवार का करो म्यान को पड़ी रहने दो।
Explanation:
गुरू और गोबिंद (भगवान) एक साथ खड़े हों तो किसे प्रणाम करना चाहिए – गुरू को अथवा गोबिन्द को? ऐसी स्थिति में गुरू के श्रीचरणों में शीश झुकाना उत्तम है जिनके कृपा रूपी प्रसाद से गोविन्द का दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
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किसी संत की जाति नहीं पूछनी चाहिए किसी तलवार की बयान में कितनी ताकत है यह नहीं आना चाहिए और गुरु गुरु हमेशा भगवान यानी कि गोविंद से भी बड़े होते हैं इसलिए अगर दोनों सामने हैं तो आपको गुरु को ज्यादा इज्जत देनी है भगवान से ज्यादा
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