जाति प्रथा भारतीय समाज में बेरोजगारी व भुखमरी का भी एक कारण कैसे बनती रही है? क्या यह स्थिति आज भी है?
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Explanation:
मार्क अस ब्रैंलिएस्ट।।
जाति प्रथा भारतीय समाज में बेरोजगारी व भुखमरी का भी एक कारण बनी है , यह आज भी यह स्थिति बनी हुई है ,
'जाति प्रथा' समाज की एक ऐसी बुराई थी जिसके चलते समाज के एक बड़े वर्ग को मनुष्यत्व को वर्गों में बाँट कर रखा हुआ है| बात करें तो जाति प्रथा के कारण लोग गरीब होते जा रहे है वह कभी भी ऊपर नहीं उठ पाते|
बड़ी जाती वाले लोग छोटी जाती वाले लोगों को हमेशा निचा दिखाते है , उन्हें हमेशा छोटा ही समझते है और उन्हें हमेशा अहसास दिलाते रहते है , तुम छोटी जाती के लोग हो और कभी भी आगे नहीं बढ़ सकते |
जाति प्रथा के कारण लोगों को नौकरियां नहीं दी जाती , स्कूल में दाखिला देने के लिए मना कर देते है आदि इन्हें बहुत मेहनत करके अपना हक लेने पड़ता है , इसी कारण यह बेरोजगार रहते है , और गरीबी बढ़ती जा रही है|
गाँव में तो जाति प्रथा अभी तक है , लोगों को मंदिर में जाने नहीं देते , पानी नहीं भरने देते , अपने घरों में नहीं आने देते आदि यह बहुत गलत है , इसे खत्म करना चाहिए |
कबीर दास जी कहते हैं कि मनुष्य जीवन तो अनमोल है इसलिए हमें अपने मानव जीवन में किसी को दुःख नहीं चाहिए बल्कि हमें अपने अच्छे कर्मों के द्वारा अपने जीवन को उद्देश्य बनाना चाहिए।