Hindi, asked by youaredumb69, 4 hours ago

जो तीर तरकश सेदनकिकर कमान पर चढ़कर छूट गया,उसेबीच मेंनहीं िौटाया जा सकता

(क) उपयुुक्त कथन का सांदिु स्पष्ट करो?

(ख) सेनापदत ने महाराणा से कौन सी प्रदतज्ञान करने का आग्रह दकया और क्यों?

(ग) महाराणा अपनी प्रदतज्ञा के बारे मेंकौन सी बात जानते थे?

(घ ) चारणी नेम महाराणा से क्या प्रार्भना की?


pls answer only if u know it's urgent ekanki sanchay chapter 3​

Answers

Answered by xitzwinterbearx
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Explanation:

भाव यह है पिंजरे मे कैद होकर सोने की कटोरी में खाने-पीने से अच्छा स्वतंत्र होकर आसमान में उड़ना है। स्वर्ण-श्रृंखला के बंधन में अपनी गति, उड़ान सब भूले, बस सपनों में देख रहे हैं तरू की फुनगी पर के झूले । ऐसे से अरमान कि उड़ते नीले नभ की सीमा पाने, लाल किरण सी चोंच खोल चुगते तारक-अनार के दाने ।

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