जातिवाद के विकास के कारण बताइए।
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हम सभी एक ईश्वर की संतान हैं। भगवान ने जब हमें जाति व धर्म में विभाजित नहीं किया तो हमें क्या अधिकार है कि हम जातिवाद को बढ़ावा दें। सर्वेश्वरी समूह जौनपुर द्वंारा भाषण प्रतियोगिता के दौरान छात्रों ने लोगों को संबोधित करते हुए इस तरह की बातें कीं। इस दौरान कुछ छात्रों ने जातिवाद को देश के विकास के लिए बाधक बताया तो कुछ ने इसे स्वस्थ्य समाज के लिए अभिशाप कहा। निर्णायक मंडल ने सभी छात्रों की अभिव्यक्ति सुनने के बाद विजेताओं की घोषणा की। जूनियर वर्ग में आकाश कुमार प्रथम, सूरज प्रताप द्वितीय तथा दीपक ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। सीनियर वर्ग में डीएम सिंह पहले, अनुराग सरोज दूसरे तथा विशाल तिवारी तीसरे स्थान पर रहे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अशोक सिंह ने छात्रों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताओं से बच्चों का मानसिक विकास होता है। संचालन प्यारेलाल ने किया। इस मौके पर प्रबंधक आशीष सिंह, प्रधानाचार्यडा.अनुराग मिश्र, डा.रामशिरोमणि होरिल, डा.अरुण सिंह, ओमप्रकाश तिवारी सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे।
Explanation:
विकास सिद्धान्त के अनुसार सामाजिक विकास के कारण जाति प्रथा की उत्पत्ति हुई है। सभ्यता के लंबे और मन्द विकास के कारण जाति प्रथा मे कुछ दोष भी आते गए। इसका सबसे बङा छुआछुत की भावना है। परन्तु शिक्षा केन् प्रसार से यह सामाजिक बुराई दूर होती जा रही है।