जातियों के मामले कैसे नियत्रित किए जाते थे?
Answers
✍️भारत में जाति व्यवस्था जाति का प्रतिमानवादी नृवंशविज्ञान उदाहरण है।
✍️इसकी उत्पत्ति प्राचीन भारत में हुई थी, और मध्ययुगीन, प्रारंभिक आधुनिक और आधुनिक भारत, विशेष रूप से मुगल साम्राज्य और ब्रिटिश राज में विभिन्न सत्ताधारी कुलीनों द्वारा बदल दी गई थी।
✍️यह आज भारत में शैक्षिक और नौकरी के आरक्षण का आधार है।
✍️जाति प्रणाली में दो अलग-अलग अवधारणाएं हैं, वर्ण और जाति, जिन्हें इस प्रणाली के विश्लेषण के विभिन्न स्तरों के रूप में माना जा सकता है।
Explanation:
जातियों के मामले निम्न प्रकार नियत्रित किए जाते थे :
जातियों को अपने सदस्यों के व्यवहार को नियंत्रित करने के लिए नियम और कानून स्वयं बनाने पड़ते थे। इन नियमों को बुजुर्गों की एक सभा द्वारा लागू किया गया था, जिन्हें कुछ क्षेत्रों में 'जाति पंचायत' के रूप में वर्णित किया गया था। लेकिन जातियों को अपने गाँव के नियमों का पालन करना भी आवश्यक था। इसके अतिरिक्त कई गांवों पर मुखिया का शासन होता था । ये गांव राज्य की एक छोटी इकाई होते थे।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
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