Political Science, asked by Parikshit9279, 11 months ago

जो दूसरों के लिए जीते, वे सच में जीते हैं, शेष तो जीते हुए भी मरे जैसे हैं’ यह कथन है
(अ) डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन् का
(ब) श्रीकृष्ण का
(स) स्वामी विवेकानन्द का
(द) राममनोहर लोहिया का।

Answers

Answered by singhakhilvikram
2

b I think it is right answer

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