जो दूसरों के लिए जीते, वे सच में जीते हैं, शेष तो जीते हुए भी मरे जैसे हैं’ यह कथन है
(अ) डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन् का
(ब) श्रीकृष्ण का
(स) स्वामी विवेकानन्द का
(द) राममनोहर लोहिया का।
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b I think it is right answer
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