Hindi, asked by ashishraghubirbisht, 16 days ago

" जैविक खेती का महत्व " इस विषय पर निबंध लिखिए।​

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Answered by bangtanagirl
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जैविक खेती का महत्व

वर्तमान समय में कृषि में हो रहे अंधाधूंध रसायनों के प्रयोग ने सिर्फ पर्यावरण को ही नहीं क्षति पहुंचायी है बल्कि इससे भूमि की उर्वरता का भी ह्रास हुआ है तथा मानव स्वास्थ्य को भी इसने बुरी तरह से प्रभावित किया है। इन समस्याओं के निदान तथा मानव को अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करने के लिए ब्रिटिश वनस्पति विज्ञानी Sir Albert Howard (Father of modern organic farming) ने अपने कुछ नवीन शोधों के साथ लोगों के सामने जैविक कृषि का प्रस्ताव रखा, जिसके अन्तर्गत कृषि में रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों के स्थान पर उर्वरक के रूप में जन्तु तथा मानव के अवशेषों का इस्तेमाल होता है।

Answered by HEARTLESSBANDI
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Explanation:

कृषि की वह प्रक्रिया जिसमें कल-कारखानों में निर्मित रासायनिक उर्वरकों, वृद्धि नियंत्रकों एवं कीटनाशकों का प्रयोग न करेसके जीवांशयुक्त उर्वरकों (जैसे- राख, गोबर, नीम, आदि) का प्रयोग करते हैं, जैविक कृषि कहलाता है। इसमें भूमि की उर्वरा क्षमता का ह्रास नहीं होता तथा यह पर्यावरण को प्रदूषित भी नहीं करती हैं।

भारत में प्राचीन समय में एक कहावत प्रचलित थी। “उत्तम खेती मध्यम वान। अधम चाकरी भीख निदान” यानी सरल शब्दों में कहें तो “सबसे बेहतर काम है खेती करना। फिर व्यापार करना। फिर कहीं नौकरी और अंत में कुछ ना मिले तो भीख मांग कर अपना गुजारा करना “।लेकिन आज के दौर में तो इसका उल्टा ही है। लोग नौकरी करना ज्यादा पसंद करते हैं। बजाय खेती करने के और जो किसान खेती कर भी रहे हैं तो उन्हें भी खेती छोड़ने को मजबूर होना पड़ रहा है।कारण अनाज उत्पादन में लागत ज्यादा और अनाज उत्पादन कम। लेकिन विगत कुछ वर्षों से भारत में खेती की एक नई तकनीक अपनाई जा रही है।जिसे “जैविक खेती” कहा जाता है। इसमें अनाज उत्पादन में लागत कम और अनाज उत्पादन ज्यादा होता है ।

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