जैविक तथा अजैविक कारक किस प्रकार फसल उत्पादन को प्रभावित करते हैं ?
Answers
उत्तर :
जैविक तथा अजैविक कारक निम्न प्रकार से फसल उत्पादन को प्रभावित करते हैं :
फसलें हमारे जीवन का आधार है। वे जैविक और अजैविक कारकों से प्रभावित होती है। इससे उनका उत्पादक गुणवत्ता पर सीधा प्रभाव पड़ता है।
जैविक कारकों का प्रभाव :
तरह-तरह के रोग, कीट तथा निमेटोड फसलों को प्रभावित करते हैं। सूक्ष्म जीव खाद्यान्नों को बहुत अधिक खराब करते हैं । इनके कारण अनाज के भार में कमी, अंकुरण न होना , बदरंग हो जाना, तापमान तथा विषाक्त पदार्थों का उत्पन्न होना हो सकता है। फफूंद , खमीर तथा जीवाणु इन्हें पर्याप्त हानि पहुंचाते हैं। चूहे तथा पक्षी भी खाद्य पदार्थों को काफी हानि पहुंचाने का कार्य करते हैं।
अजैविक कारकों का प्रभाव :
सुखा , क्षारता, जलाक्रांति, गर्मी, ठंडा और पाला के कारण फसल उत्पादन कम हो जाता है। इनसे अनाज में संक्रमण बढ़ जाता है। एंजाइम, कीट और अन्य सूक्ष्म जीव भी इन कारकों से प्रभावित होकर अनाज को अधिक हानि पहुंचाते हैं। सूखा पड़ने से फसलें नष्ट हो जाती हैं तो जला क्रांति से भी उनकी जड़ें गल जाती हैं। अत्यधिक गर्मी ,ठंडा और पाला भी उपज को प्रभावित करते हैं।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
Answer:
जैविक व अजैविक कारक किस प्रकार फ़सल उत्पादन को प्रभावित करते हैं? 1) जैविक कारक जैसे सूक्ष्म जीव, कीट, कीड़े तथा निमेटोड्स खाद्यानों को विषैले बनाकर खराब कर देते हैं और खाद्यानों के उत्पादन को कम कर देते हैं, जिससे इनके भार में कमी आ जाती है।
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