Hindi, asked by aryan20060410, 10 months ago

जीवन मूल्य
1. अपने जीवन की किसी ऐसी घटना का उल्लेख कीजिए-
(क) जब आपके मधुर व्यवहार के कारण आपकी प्रशसा हुई हो।
(ख) जब आपके कटु व्यवहार के कारण आपको अप्रिय स्थिति का सामना करना पड़ा हो।
2 दूसरों की भलाई करने वाले ही वास्तव में बड़े लोग होते हैं।
क्या आपको कभी किसी जरूरतमंद की सहायता कर खुशी का अनुभव हुआ है? कक्षा में बताइए।



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Answered by shishir303
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जीवन में ऐसे कोई दो वाकये जब एक बार मधुर व्यवहार के कारण प्रशंसा हुई और दूसरी बार कटु व्यवहार के कारण हानि उठानी पड़ी हो...

मधुर व्यवहार के कारण प्रशंसा...

एक बार मैं अपनी कक्षा में बैठा था। रीसेस (इंटरवल) का समय हो चला था, मैने अपना लंच फटाफट किया और एक पुस्तक खोलकर कुछ काम करने लगा। मेरा साथी छात्र पास में बैठा अपना लंच खा रहा था। वो खाते-खाते बेहद मस्ती भी कर रहा था, अचानक उसका हाथ अपने टिफिन पर लगा और जिससे उसमें से सब्जी का रसा छिटककर मेरी पुस्तक पर आ गिरा। मेरी पूरी पुस्तक पूरी तरह खराब हो गई, मुझे उस समय गुस्सा आया लेकिन मैंने किसी तरह अपने व्यवहार को नियंत्रित किया। सहपाठी मुझसे सॉरी बोला  और मैंने कहा, कि कोई बात नहीं। फिर मैंने कपड़े से अपनी पुस्तक को साफ किया। उस सहपाठी के कपड़े भी सब्जी के रसे से खराब हो गये थे। मैने उसके कपड़ों को गीले कपड़े से साफ करने में उसकी मदद की। वो सहपाठी अपनी गलती पर शर्मिंदा था और मेरे सकारात्मक व्यवहार से बेहद खुश भी था। मेरे कक्षा में अध्यापक को जब इस घटना का पता चला तो उन्होंने मेरी प्रशंसा की और हम सभी लोगों को सीख दी कि विपरीत परिस्थितियों में भी हमें अपना मधुर व्यवहार कायम रखना चाहिए, जिससे कोई भी समस्या आसानी से सुलझ जाती है।

कटु व्यवहार के कारण हानि...

एक बार में अपनी स्कूल जा रहा था तभी मेरे स्कूल का ही एक अन्य छात्र अपनी साईकिल तेज चलाते हुए मुझसे टकरा गया। मुझे गुस्सा आया और उसी समय मैने उसे दो हाथ मार दिये बदले में उसने भी मुझ पर हाथ उठाया और हम दोनों में हाथापाई हो गई। हम लोगों के कपड़े फट गये। आस-पास के लोगों ने बीच-बचाव किया तब मामला शांत हुआ, लेकिन हम लोग कपड़े फट जाने के कारण उस दिन स्कूल नही जा पाये। बाद में घर पर बहुत डांट पड़ी कि क्या जरूरत थी उलझने की। गलती तो सबसे होती है, उस समय शांत रहना चाहिये था। उसके बाद लगभग एक हफ्ते तक मैं स्कूल नही जा पाया। अगर उसम समय मैंने अपना व्यवहार शांत रखा होता तो इतनी बात नही होती और ना ही इतना पढ़ाई का नुकसान होता।

हमेशा दूसरों की मदद करने से एक खुशी का एहसास होता है...

एक बार मैं अपने घर जा रहा था तभी रास्ते में देखा एक अंधा व्यक्ति अपने हाथ में एक थैले पकड़े कुछ जरूरी सामान लेकर अपने घर जा रहा था। अचानक उसे ठोकर लगी और वो गिर पड़ा। उसकी थैली का राशन वहीं पर बिखर गया।

ये देखकर मैने उसका बिखरा सामान संभालने में मदद की और उसका पता पूछ कर उसरे घर तक पहुँचाया। उस व्यक्ति का कुछ सामान गिरकर खराब हो गया था, तो मैने वो सारा सामान उसे फिर से दिलवाया और उसे उसके घर तक सही सलामत छोड़कर आया। उस अंधे व्यक्ति ने मुझे बड़ी दुआयें दी। उस दिन किसी के मदद करके बड़ी अच्छी खुशी का अहसास हो रहा था।

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