जीवन में दिखावा पंत की मानसिकता का कोई एक उदाहरण देते हुए अपने अनुभव लिखो
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जीवन में दिखावा पंत की मानसिकता का कोई एक उदाहरण देते हुए अपने अनुभव लिखो
जीवन में दिखावापन की मानसिकता का कोई एक उदाहरण देते हुए अपने अनुभव लिखिए ।
लखनवी अंदाज़ पाठ में दिखावापन की मानसिकता दिखाई हुई है|
पाठ में नवाब साहब का शोक के लिए खीरा खरीदते है और फिर लेखक के मना करने पर खीरे को खिड़की से बाहर फेंकने को हम दिखावे की प्रवर्ती कहेंगे| नबाब साहब और उनके द्वारा खीरे काट कर खिड़की से फेंकने को आधार बनाकर अपने विचार व्यक्त किया है| नबाब साहब खीरे को सूंघ कर संतुष्ट होने का दिखावा करते है |
उदाहरण को देखकर मेरे अनुभव इस प्रकार है:
आज के समय में संसार में दिखावा , पाखंड सब भरा है | धर्म के नाम पर लोग जो दिखावा और गलत काम करते है| आज के समय में मनुष्य ने इसे व्यापार बना लिया है| एक मनुष्य दूसरे को निचा दिखता है, दिखावा करता है| मनुष्य एक दूसरे की मदद नहीं करता है| लोग बनावटी हो गए है, सब दिखावा करते है बात करने का, कपड़ों का, रिश्तों का असल में किसी के पास समय ही नहीं है|