जीवन परमात्मा की सृष्टि किस तरह है? Immersive Reader
(1 Point)
क) अबोध्य है, अगम्य है, अनंत है
ख) सुबोध है, सुगम है
ग) जीवनपर्यंत आनंद की खोज
घ) अखंड है, अमर है
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सही उत्तर है...
➲ (क) अबोध्य है, अगम्य है, अनंत है
⏩ जीवन परमात्मा की सृष्टि है, इसलिए वह अबोध है, अगम्य है, अनंत है। इसके विपरीत साहित्य मनुष्य की सृष्टि है, इसलिये साहित्य सुबोध, सुगम है, मर्यादित है। जीवन का उद्देश्य ही आनंद है। मनुष्य जीवन अपने जीवन पर्यंत आनंद की खोज में ही लगा रहता है। यह आनंद उसे किसी भी रूप में मिल मिल सकता है। हर मनुष्य के आनंद के मानदंड अलग-अलग हैं। मनुष्य भले ही विभिन्न रूपों में आनन्द प्राप्त करता हो, लेकिन साहित्य का आनंद सबसे अलग और पवित्र है।
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