जीवन यात्रा में हमें तरह-तरह के अनुभव होते हैं, ऊबड़-खाबड़ पथों से गुजरना पड़ता है,
तूफानों का सामना करना पड़ता है। सभी के जीवन में सुख-दुःख, धूप-छाँव की तरह आते
जाते रहते हैं। उत्थान-पतन, सुख-दुःख, हानि-लाभ आदि से मिलकर जीवन बनता है। जो
इस सत्य को सामने रखकर निश्चित मन से कर्म करते हुए अपने उद्देश्य की ओर बढ़ते हैं,
सफलता उनके चरण चूमती है और उनका जीवन आनन्द से भरा रहता है। जो व्यक्ति जीवन
में केवल सुख की अभिलाषा करते हैं उन्हें पग-पग पर निराशा मिलती है। छोटी-सी
कठिनाई को देखकर उनके हाथ-पाँव फूल जाते हैं।
साहस और आत्मविश्वास के साथ जीना ही सच्चा जीवन है। साहसी व्यक्ति कभी अपना कर्म
नहीं छोड़ता। एक बार असफल होने पर भी नये साहस से फिर यत्न करता है। ऐसे व्यक्ति
ही अपने राष्ट्र व समाज के नेता होते हैं। जिस देश में ऐसे कर्मवीरों का जन्म होता है, वह
देश अपनी नींद से जाग उठता है, समाज उठ खड़ा होता है। हमारे लिए उनका यही संदेश
है, फल की परवाह किये बिना अपना काम करते रहो, न कठिनाई से डरो न बाधाओं से।
(क) लेखक ने जीवन को एक यात्रा क्यों कहा है ?
(ख) सफलता किन लोगों के चरण चूमती है ?
(ग) सुख की अभिलाषा करने वाले का जीवन कैसा होता है ?
(घ) कर्मवीरों की क्या विशेषताएँ हैं ?
(ङ) कर्मवीरों से क्या प्रेरणा लेनी चाहिए ?
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it's very long questions I will not able to give an answer sorry
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