जीवनपर्यन्त संकुचित एवं शिथिल होती हैं
(अ) ऐच्छिक पेशी
(ब) हृदय पेशी
(स) (अ) व (ब)
(द) कोई नहीं
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Answer:
(स) (अ) व (ब)
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सही जवाब है..
(ब) हृदय पेशी
Explanation:
हृदय पेशी जीवन पर्यंत, बिना रुके, अनवरत, निरंतर, बिना थके, सामान गति के साथ संकुचित एवं शिथिल होती रहती है। इस क्रिया को हृदय की गति कहते हैं। इसी के कारण शरीर में निरंतर रक्त का परिसंचरण होता रहता है। हृदय पेशी हृदय की दीवारों में पाई जाने वाली अनैच्छिक पेशी होती है। जिस पर हमारा नियंत्रण नहीं होता और यह स्वतः ही संकुचित एवं शिथिल होती रहती है।
पेशी से तात्पर्य प्राणियों में पाए जाने वाला आकुंचित होने वाला एक ऊतक से है। यह तीन प्रकार के होती हैं.. रेखांकित पेशी, अरेखांकित पेशी और हृदय पेशी।
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