ज्योतिबा फुले ने किस प्रकार के समतामूलक समाज की कल्पना की थी
Answers
Answer:
ज्योतिबा फुले ने सभ्य और एक ऐसे समाज की कल्पना की थी जिनमें सभी स्त्री पुरुषों को समान अधिकार प्राप्त हों, प्रत्येक व्यक्ति के बीच किसी प्रकार का भेदभाव न हो।।
★ज्योतिबा फुले ने विशेषकर स्त्री समानता पर बल दिया।
Explanation:
स्त्री-समानता को प्रतिष्ठित करने के लिए ज्योतिबा फुले के अनुसार निम्नलिखित बातों का होना आवश्यक है:-
★ स्त्रियों को पुरुषों के समान जीने का अधिकार तथा स्वन्त्रतापूर्वक रहने का अधिकार देना चाहिए।
★ स्त्रियों के अधिकार पुरुषों के समान ही होने चाहिये।
★ स्त्रियों को पुरुषों के समान शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार होना चाहिये।
★ विवाह के समय बोले जाने वाले मंत्रों में ब्राम्हणों का स्थान समाप्त हो जाना चाहिए तथा ऐसे वचन बुलवाने चाहिए जिसमें दोनों के अधिकार हों।
ऐसे वचनों का कोई स्थान नहीं देना चाहिए, जिसमें पुरुषों को मनमानी करने का अधिकार मिले और स्त्री को गुलामी का।
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ज्योतिबा फुले ने सभ्य और एक ऐसे समाज की कल्पना की थी जिनमें सभी स्त्री पुरुषों को समान अधिकार प्राप्त हों, प्रत्येक व्यक्ति के बीच किसी प्रकार का भेदभाव न हो।।
★ज्योतिबा फुले ने विशेषकर स्त्री समानता पर बल दिया।
Explanation:
स्त्री-समानता को प्रतिष्ठित करने के लिए ज्योतिबा फुले के अनुसार निम्नलिखित बातों का होना आवश्यक है:-
★ स्त्रियों को पुरुषों के समान जीने का अधिकार तथा स्वन्त्रतापूर्वक रहने का अधिकार देना चाहिए।
★ स्त्रियों के अधिकार पुरुषों के समान ही होने चाहिये।
★ स्त्रियों को पुरुषों के समान शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार होना चाहिये।
★ विवाह के समय बोले जाने वाले मंत्रों में ब्राम्हणों का स्थान समाप्त हो जाना चाहिए तथा ऐसे वचन बुलवाने चाहिए जिसमें दोनों के अधिकार हों।
ऐसे वचनों का कोई स्थान नहीं देना चाहिए, जिसमें पुरुषों को मनमानी करने का अधिकार मिले और स्त्री को गुलामी का।
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