जब अनेक दल सत्ता के लिए होड़ में हो और दो दलों में ज्यादा के लिए अपने दम पर या दूसरों में गठबंधन करके सत्ता में आने का ठीक-ठाक अवसर हो तो इसे बहुदलीय व्यवस्था कहते हैं।भारत में भी ऐसी ही बहुदलीय व्यवस्था है इसके लिए आपस में हाथ मिला लेती हैं तोइसे गठबंधन या मोर्चा का जाता है जैसे 2004 के संसदीय चुनाव में भारत में ऐसे तीन प्रमुख गठबंधन थे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन और वाममोर्चा अक्सर बहुदलीय व्यवस्था बहुत घालमेल वाली लगती है और देश को राजनीतिक स्थिरता की तरफ ले जाती है पर इसके साथ ही इस प्रणाली में विभिन्न हेतु और विचारों को राजनीतिक प्रतिनिधित्व मिल जाता है
1. उपरोक्त गद्यांश का सार अपने शब्दों में लिखिए।
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जब अनेक दल सत्ता के लिए होड़ में हो और दो दलों में ज्यादा के लिए अपने दम पर या दूसरों में गठबंधन करके सत्ता में आने का ठीक-ठाक अवसर हो तो इसे बहुदलीय व्यवस्था कहते हैं।भारत में भी ऐसी ही बहुदलीय व्यवस्था है इसके लिए आपस में हाथ मिला लेती हैं तोइसे गठबंधन या मोर्चा का जाता है जैसे 2004 के संसदीय चुनाव में भारत में ऐसे तीन प्रमुख गठबंधन थे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन और वाममोर्चा अक्सर बहुदलीय व्यवस्था बहुत घालमेल वाली लगती है और देश को राजनीतिक स्थिरता की तरफ ले जाती है पर इसके साथ ही इस प्रणाली में विभिन्न हेतु और विचारों को राजनीतिक प्रतिनिधित्व मिल जाता है
1. उपरोक्त गद्यांश का सार अपने शब्दों में लिखिए।
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