Hindi, asked by Anonymous, 3 months ago

जब होटल बंद हुआ तो गवाही राम क्या सोचने लगा??


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Answered by sainiinswag
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Answer:

अमित की गवाही... ‘जिस समय ब्लास्ट हुआ टुंडा को वहां पर देखा था’... इससे ही साबित हुआ दोषी

धर्मेश पांडेय/संदीप लाकड़ा | सोनीपत

आतंकीअब्दुल करीम टुंडा का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था। ट़ुंडा का पैतृक गांव पिलखुआ है। यह गांव उत्तर प्रदेश गाजियाबाद में पड़ता है। टुंडा के पिता तांबा, जस्ता एल्युमिनियम जैसी धातुओं को गलाने का काम करते थे। इसके बाद जैसे ही टुंडा बड़ा हुआ उसने भी पिता का सहारा बनने की कोशिश की। उसने बढ़इगीरी से अपने कैरियर की शुरुआत की। फिर कबाड़ बेचा और एक समय हेम्योपैथिक दवा की दुकान भी की। यह धंधा भी उसे रास नहीं आया और फिर उसने कपड़ा बेचने का व्यापार किया। इसी दौरान धीरे-धीरे करके उसने आंतक की दुनिया में कदम रखा। टुंडा ने तीन विवाह किए। तीसरा निकाह उसने 65 वर्ष की उम्र में 18 साल की लड़की से रचाया।

बमबनाने का प्रशिक्षण दिया : टुंडाने पाक में आतंकियों को बम बनाने का प्रशिक्षण भी दिया। पानीपत बम ब्लास्ट की घटना में वह बरी हो चुका है। इसके अलावा रोहतक में भी ब्लास्ट का आरोप है।

इनआतंकवादियों से रहे रिश्ते : टुंडापर सोनीपत में बम ब्लास्ट करने का आरोप तो 28 दिसंबर 1996 में लगा था, जबकि वह पकड़ा अगस्त 2013 में गया था। आरोपी ने स्पेशल टीम की पूछताछ में माना था कि वह पाकिस्तान में लश्कर एक तैयबा, जैस मोहम्मद, इंडियन मुजाहिदीन और बब्बर खालसा जैसे आतंकी संगठनों समेत पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में था। साथ ही हाफिज सईद, मौलाना मसूद अजहर, जकी उर रहमान लखवी और दाउद जैसे आंतकियों से भी उसके रिश्त रहे हैं।

1996 में गीता भवन चौक और बावा सिनेमा हाल ब्लास्ट मामले में 21 साल बाद फैसला

सोनीपत में पहली बार गुजरेगी रात : आतंकीअब्दुल करीम टुंडा की सोनीपत जेल में पहली बार रात गुजरेगी। सोनीपत जेल में सुरक्षा व्यवस्था चाकचौबंद कर दी गई है। टुंडा पर देश भर में करीब 30 केस इसी तरह के हैं। इनमें हैदराबाद, अजमेर गाजियाबाद के ज्यादा केस हैं।

डाॅ. सुशील ने दोषी ठहराया : ब्लास्टकेस की सुनवाई पहले बाबा राम रहीम को साध्वी यौन शोषण मामले में सजा देने वाले न्यायाधीश जगदीप सिंह ने की थी, इसके बाद न्यायाधीश डाॅ. सुशील गर्ग की कोर्ट में केस की सुनवाई हुई। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डाॅ. सुशील कुमार गर्ग की पहली पोस्टिंग पानीपत में 21 दिसंबर 2012 में हुई।

Answered by Anonymous
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उत्तर :- जब होटल बंद हुआ तो गवाही राम यह सोचने लगा कि पंडित जी ने किस मनोज खड़ी में फंसा डाला कम से कम गांव में शुरू की सूखी रोटी खा कर गुजारा तो कर लेता और वहां आ जाती तो उनके गांव के लोगों के साथ हंसते बतियाते दिन बीत जाते थे

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