Hindi, asked by sristiaggarwal2025, 5 months ago

जब कोई युवा अपने घर से बाहर निकलता है तो पहले कठिनाई उसे मित्र चुनने में पड़ती है। यदि उसकी स्थिति
बिल्कुल एकांत और निराली नहीं रहती तो उसकी जान पहचान के लोग धड़ाधड़ बढ़ते जाते हैं और थोड़े ही दिनों में कुछ
लोगों से उसका हेल- मेल बढ़ते -बढ़ते मित्रता के रूप में परिणित हो जाता है। मित्रों के
चुनाव उपयुक्तता पर उसके
जीवन की सफलता निर्भर हो जाती है,क्योंकि संगति का गुप्त प्रभाव हमारे आचरण पर बड़ा भारी पड़ता है। हम लोग ऐसे
समय में समाज में प्रवेश करके अपना कार्य आरंभ करते हैं,जबकि हमारा चित्र कोमल और हर तरह का संस्कार ग्रहण
करने योग्य रहता है।हमारे भाव परिमार्जित और हमारी प्रवृत्ति और परिपक्व रहती है।हम लोग कच्ची मिट्टी की मूर्ति के
समान रहते हैं, जिसे जो जिस रूप में चाहे, उस रूप में डालें चाहे राक्षस बनाए, चाहे देवता।
ग)उपयुक्त गद्यांश के लिए उचित शीर्षक बताइए?​

Answers

Answered by zaidinasreen420
1

Answer:

agahajajjajakakakakkakakakakakkakakkakak

Answered by varshakathairiya
3

संगति का प्रभाव

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