Physics, asked by shadowxgamer013, 1 month ago

जब किसी शुद्ध अर्द्धचालक में पंच संयोजी परमाणु की अशुद्धि मिलायी जाती है तो हमें प्रकार का अर्द्धचालक प्राप्त होता है। ​

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Answered by ezejhones11
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Explanation:

Answered by mad210215
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n-प्रकार के अर्धचालक :

विवरण:

  • एक शुद्ध अर्धचालक में, प्रत्येक परमाणु चार परमाणुओं से घिरा होता है और उन सभी के साथ रासायनिक बंधन में लगा रहता है।
  • इसका कारण यह है कि एक शुद्ध अर्धचालक में चार संयोजकता इलेक्ट्रॉन होते हैं। एक पेंटावेलेंट अशुद्धता में 5 वैलेंस इलेक्ट्रॉन होते हैं।
  • जब इसे जोड़ा जाता है, तो इसका एक परमाणु अर्धचालक के चार परमाणुओं के साथ बंध बनाता है।
  • बंधन में केवल चार परमाणु लगे हुए हैं। पाँचवाँ इलेक्ट्रॉन मुक्त है और चालन के लिए उपलब्ध है। इस प्रकार एक पेंटावैलेंट अशुद्धता एक ऋणात्मक आवेश वाहक (इलेक्ट्रॉन) जोड़ती है और इसे n-प्रकार की अशुद्धता के रूप में भी जाना जाता है।
  • ऐसी अशुद्धता वाले अर्धचालक को n-प्रकार के अर्धचालक के रूप में जाना जाता है।
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