Hindi, asked by hrao66036, 5 months ago

जब मैं था तब गुरु नहीं अब गुरु है हम ना नाही। प्रेम गली अति सांकरी तामे दो न समाही का प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए​

Answers

Answered by anshumankhari1
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kavi yh khana chate h ki agar kisi ke man me bhagven baste h to vaha ahnkar ka vas nahi ho sakta

unhone ex dete hue kaha he ki jaise ek mayan me do talvar nahi rakhi ja sakti use prakar hamare man ya to bhagwan rahte h ya ahnkar

Answered by HAPPYBABY
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कबीरदास जी कहते हैं कि जहां घमंड होता है । अहंकार होता है वहां भगवान का वास नहीं होता है। जहां भगवान विराजते हैं वहां हम नहीं हो सकता। क्योंकि प्रेम की गली अत्यधिक तंग है ।उसमें अहंकार और ईश्वर का एक साथ नहीं रह सकते । अहंकार मनुष्य के लिए अभिशाप है ।अहंकारी व्यक्ति कभी भगवान को नहीं पा सकता। भगवान का अर्थ है प्रेम! और जहां सच्चा प्यार होगा वहां अहंकार नहीं हो सकता। प्रेम की गली में या तो भगवान रहेंगे या फिर अहंकार। अंहकारी व्यक्ति कभी भगवान के प्रेम को समझ नहीं सकता है।

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