Hindi, asked by mahima7819, 9 months ago

'जब मैं था तब हरि नहीं'  इस दोहे में ‘मैं’ और ‘हरि’ किसे कहा गया है  ‘मैं और हरि’ का क्या संबंध है?

Answers

Answered by itzAshuu
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प्रस्तुत दोहे "जब मैं था तब हरि नहीं" में कबीर दास जी कहते है कि जब मेरे अंदर 'मैं' अर्थात् अहंकार था तब मेरे हृदय में हरि का निवास नहीं था।

मैं को अहंकार के रूप में बताया गया है।

हरि ईश्वर हैं।

Hope it helps you!!❤️

Answered by XxMissPaglixX
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♡Answer♡:-

इस पंक्ति में मैं का अर्थ है अहंकार और हरि का अर्थ है भगवान इस पंक्ति का अर्थ है जब अहंकार था तब भगवान नहीं थे और जब हमारे अंदर से उनका नहीं है तो भगवान है .।

It may help you

♡Thank you♡

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