जब पहली बोलती फिल्म प्रदर्शित हुई तो उसके पोस्टरों पर कौन-से वाक्य छापे गए? उस फिल्म में कितने चेहरे थे? स्पष्ट कीजिए ।(answer it in hindi and don't joke)
Answers
Explanation:
1छाँड़ि मन हरि बिमुखन को संग। जाके संग कुबुद्धि उपजै, परत भजन में भंग। काम क्रोध मद लोभ मोह में, निसि दिन रहत उमंग। कहा भयो पय पान कराये, बिष नहिं तपत भुजंग। कागहि कहा कपूर खवाये, स्वान न्हवाये गंग । खर को कहा अरगजा लेपन, मरकत भूषन अंग। पाहन पतित बान नहिं भेदत, रीतो करत निषंग। सूरदास खल कारी कामरी, चढ़ै न दूजो रंग ।।) सभी प्रश्न अनिवार्य हैं ।
2) प्रश्नों के लिए निर्धारित अंक उनके सामने दिए गए हैं।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर के रूप में दिए गए विकल्पों में से सर्वाधिक उपयुक्त
विकल्प छाँटकर अपनी उत्तर-पुस्तिका में लिखिए :
कवि वृंद ने रस्सी और पत्थर का उदाहरण क्यों दिया है ?
(A) किसी काम को जल्दी करने के लिए
(B) अभ्यास का महत्त्व बताने के लिए
(C) निरंतर कार्य करने की आवश्यकता बताने के लिए
(D) मूर्ख की विशेषता समझाने के लिए
(ii) 'आज़ादी' कविता में शागिर्द द्वारा पूछना कि 'सूरज में घोंसला बनाने को उड़ी जाती चिड़िया'
का आशय है
देश की पहली बोलती फिल्म के विज्ञापन के लिए छापे गए वाक्य इस प्रकार थे –
”वे सभी सजीव हैं, साँस ले रहे हैं, शत-प्रतिशत बोल रहे हैं, अठहत्तर मुर्दा इनसान जिंदा हो गए, उनको बोलते, बातें करते देखो।”
पाठ के आधार पर ‘आलम आरा’ में कुल मिलाकर 78 चेहरे थे अर्थात् काम कर रहे थे।