Hindi, asked by rajeshsurisetty8512, 1 year ago

जगधर के मन में किस तरह का ईर्ष्या - भाव जगा और क्यों ?

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Answered by bhatiamona
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जगधर के मन में  का ईर्ष्या - भाव जगा वह इसलिए क्योंकि उसे पता लगा कि भैरों ने ही सूरदास के घर आग लगवाई थी।  

जगधर जब भैरों के घर यह पता करने पहुँचा कि सूरदास के घर आग किसने लगवाई है, तो उसे पता लगा कि भैरों ने ही सूरदास के घर आग लगवाई थी।

इसके साथ ही उसने सूरदास की पूरे जीवन की जमापूँजी भी हथिया ली है। यह राशि पाँच सौ रुपए से अधिक की थी। जगधर को भैरों के पास इतना रुपया देखकर अच्छा न लगा। वह जानता था कि यह इतना रुपया है, जिससे भैरों की जिंदगी की सारी कठिनाई पलभर में दूर हो सकती है। भैरों की चांदी होते देख, उससे रहा न गया। वह मन-ही-मन भैरों से ईर्ष्या करने लगा।

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