JAI HIND GUYS
please write any poem of our former Indian Prime Minister SHRI ATAL BIHARI VAJPAYEE
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Here is one of His Poems known as "दूध में दरार पड़ गई" in Hindi :
ख़ून क्यों सफ़ेद हो गया?
भेद में अभेद खो गया।
बँट गये शहीद, गीत कट गए,
कलेजे में कटार दड़ गई।
दूध में दरार पड़ गई।
खेतों में बारूदी गंध,
टूट गये नानक के छंद
सतलुज सहम उठी, व्यथित सी बितस्ता है।
वसंत से बहार झड़ गई
दूध में दरार पड़ गई।
अपनी ही छाया से बैर,
गले लगने लगे हैं ग़ैर,
ख़ुदकुशी का रास्ता, तुम्हें वतन का वास्ता।
बात बनाएँ, बिगड़ गई।
दूध में दरार पड़ गई।
Its is Written By Former PM of India Shri PadmaShri Atal Bihari Vajpayee
Hope it Helps Mark Brainliest
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dear friend,
poem in hindi ☺️
हरी हरी दूब पर :
हरी हरी दूब पर
ओस की बूदे
अभी थी
अभी नही है
एसी खुशिया
जो हमेशा हमारा साथ दे
कभी नही थी
कभी नही है
it is a poem of shri atal Bihari vajpayee
HOPE IT WILL HELP YOU
plzz mark me as brain list
THANKS
poem in hindi ☺️
हरी हरी दूब पर :
हरी हरी दूब पर
ओस की बूदे
अभी थी
अभी नही है
एसी खुशिया
जो हमेशा हमारा साथ दे
कभी नही थी
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it is a poem of shri atal Bihari vajpayee
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