Hindi, asked by mubassircool6277, 1 year ago

जल ही जीवन है (निबंध) | Write an essay on ‘Water is Life’ in Hindi

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Answered by coolthakursaini36
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                “जल ही जीवन है”

भूमिका:-> जीवन जीने के लिए जल की महत्वपूर्ण भूमिका है अर्थात जल के बिना जीवन नहीं। "जल है तो कल है" "पानी की एक-एक बूंद सोना है", "पानी अनमोल है", ऐसे कई नारे हैं जो पानी के महत्व को बताते हैं। पानी के बिना जीवन की कल्पना तक नहीं की जा सकती है। पानी इस धरा को हरे-भरे रखा हुआ है। अगर जल न होता तो पूरा यह भूभाग सुखा होता है यहां पर जीवन भी नहीं पनपता। जीवन का मुख्य स्त्रोत ही पानी है।

पानी का उपयोग:-> पानी हमारे जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। पानी को पीकर ही हम अपनी प्यास मिटाते हैं। नहाने धोने से लेकर खाना बनाने तक हर जगह पानी का प्रयोग होता है। लेकिन प्रतिवर्ष इस धरती से पीने के पानी का स्तर कम होता जा रहा है। ध्रुवीय क्षेत्रों पर पड़ी बर्फ पिघल रही है और महासागरों का स्तर सिकुड़ता जा रहा है। देश के कई बड़े शहरों में पानी का संकट गहराया है। इसलिए हमें पानी का सदुपयोग करना चाहिए। पानी को कभी व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए क्योंकि आने वाले समय में पानी की किल्लत पड़ जाएगी।

पानी का संकट:-> आज कई महानगर पानी के संकट से जूझ रहे हैं आबादी लगातार बढ़ रही है और पानी के प्राकृतिक स्त्रोत सूख रहे हैं। आने वाले कुछ वर्षों में दुनिया के आधे बड़े शहर पानी के संकट से जूझ रहे होंगे।

आज हमारा पर्यावरण इतना खराब हो चुका है कि जितनी बारिश होनी चाहिए इतनी नहीं होती ना ही पहाडी क्षेत्रों पर बर्फ पड़ती है। जिसके कारण पानी के प्राकृतिक स्त्रोत सूख रहे हैं। आने वाले समय में पानी का संकट दुनिया का सबसे बड़ा संकट होगा। जब हमें पीने के लिए पानी ही नहीं मिलेगा तो जीवन कहां संभव है?

उपसंहार:-> हमें पानी को व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए उसका आवश्यकतानुसार ही प्रयोग करना चाहिए। पीने के पानी को कृषि कार्य से नहलाने इत्यादि में प्रयोग नहीं करना चाहिए । हमें पर्यावरण पर विशेष ध्यान देना होगा इस धरा को हरा-भरा रखना होगा ताकि समय पर वर्षा हो और पानी के प्राकृतिक स्त्रोत ना सूखें।



ishana1092: thank you very much
coolthakursaini36: आपका स्वागत है
Answered by karuneshkeni30
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Answer:

जल (Jal Hi Jeevan Hai) उन प्रमुख तत्वों में से एक है। जो पृथ्वी पर रहने वाली सभी सजीव प्राणियों को जीवन-प्रदान करती है। क्योंकि जल के बिना पृथ्वी पर सजीव जगत की कल्पना करना नामुमकिन साबित होती है। जल के बिना न सिर्फ सजीव जगत की बल्कि इस हरी-भरी धरती की भी कल्पना नहीं की जा सकती है।

क्योंकि ये पेड़-पौधे, नदी-तालाब, झील-सरोवर के कारण ही तो धरती हरी-भरी और सुंदर दिखती हैं। और ये सभी तब रहेंगे जब इन्हें जल पर्याप्त मात्रा में मिलती रहेगी। इसलिए तो जल के बिना कुछ भी संभव नहीं है। जल के महत्व का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि, समस्त मानव शरीर में करीब 70% हिस्से जल ही मौजूद रहती है।

इसलिए तो जल के बिना मनुष्य का जीवित रहना असंभव होता है। जिस प्रकार हमे जीवित रहने के लिए श्वास लेना जरूरी है। ठीक उसी प्रकार जल लेना भी आवश्यक है। इस प्रकार हम कर सकते हैं कि, पृथ्वी के समस्त सजीव प्राणियो के लिए जल की महत्ता अमृत से कम नहीं है। परंतु आधुनिकता के इस दौड़ में लोग आज बेहिसाब जल को प्रदूषित करते जा रहे हैं। जिसका परिणाम आज हम सभी के सामने खड़ी है।

जो है जल संकट हमारे ख्याल से आज जल प्रदूषण (Water Pollution) का सबसे बड़ा कारण है। कल- कारखाने, क्योंकि इस कल-कारखाने से निकलने वाली सभी दूषित पदार्थ बड़ी-बड़ी नदियों में छोड़ दिए जाते हैं। जिससे नदियों की जल विषैली और दूषित हो जाती है। आज लोग यह नहीं समझते कि, जिस प्रकार धरती पर पाई जाने वाली अन्य संसाधन हमारे लिए सीमित मात्रा में उपलब्ध है।

उसी प्रकार जल भी हमारी पृथ्वी पर सीमित मात्रा में ही उपलब्ध है। परंतु लोग इस बात को समझ नहीं रहे हैं और जल को प्रदूषित करने की स्थिति अगर ऐसी ही बनी रही तो शायद कुछ वर्षों के आने वाली पीढ़ी के लोगों को पीने योग्य जल का दर्शन करना भी मुश्किल सा हो जाएगा आज प्रदूषित जल पीने से ना जाने कितनी बीमारियां पनप रही है इन बातों से स्पष्ट हो जाता है कि अगर जीवित रहना है तो जल को दूषित होने से बचाना होगा।

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