Geography, asked by sobaid, 8 months ago

जलाक्रांतता कैसे उपस्थित होता है ? मृदा अपरदन म इसकी क्या भूमिका है ?

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Answered by anishtha
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: पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में अधिक सिंचार्इ भूमि निम्नीकरण के लिए उत्तरदायी है। अति सिंचन से उत्पन्न जलाक्रांतता भी भूमि निम्नीकरण के लिए उत्तरदायी है जिससे मृदा में लवणीयता और क्षारीयता बढ़ जाती है।

Answered by khushbukumari09110
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Answer:

भारत एक कृषि प्रधान देश है, इसलिए यहाँ की अर्थव्यवस्था के विकास में जल की महत्त्वपूर्ण भूमिका है । यद्यपि भारत में पर्याप्त वर्षा होती है एवं जल-संसाधन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है, तथापि समुचित जल-प्रबंधन के अभाव में देश में उपलब्ध वर्षा जल का 25 प्रतिशत ही सिंचाई कार्यों केलिए उपयोगी हो पाता है ।

जल संसाधन समिति (1995) के अध्यक्ष डाॅ. एम. एस. स्वामीनाथन का कहना था कि ‘तकनीकी घटक के सदृश्य जल प्रबन्धन के सामाजिक आयाम महत्त्वपूर्ण हैं । जल वितरण में जब तक समानता नहीं होगी तब तक जल की बचत में सहयोग संभव नहीं है । जल का बाजार दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है और संभव है कि अगली शताब्दी में भू-स्वामित्त्व का स्थान जल-स्वामित्व ले ले ।’’

सिंचाई

वर्षा के अभाव में खेतों को कृत्रिम ढंग से जल उपलब्ध कराने की क्रिया ‘सिंचाई’ कहलाती है । भारत में मानसून की अनिश्चितता तथा अनियमितता देखी जाती है । इतना ही नहीं बल्कि इस वर्षा का वितरण भी बहुत असमान है । फिर जहाँ वर्षा होती भी है, तो वह कुछ महीनों में सीमित है । दूसरी ओर कुछ विशेष फसलों के लिए अधिक जल की आवश्यकता पड़ती है । इन्हीं सब कारणों से जल की आवश्यकता पड़ती है, जिसकी पूर्ति कृत्रिम तरीके से करनी होती है, जो सिंचाई के द्वारा ही संभव है । इस प्रकार खाद्यान्न फसलों के साथ-साथ व्यावसायिक फसलों में वृद्धि, चारागाहों के विकास तथा सूखा को रोकने के लिए सिंचाई आवश्यक है

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