Hindi, asked by Anonymous, 4 months ago

जलचक्र पर निबंध लिखिये हिन्दी मे ।

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Answered by Anonymous
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Answer:

जल चक्र, पृथ्वी के ऊपर जल के अस्तित्व और गति के बारे में वर्णन करता है, जैसा की हम सभी जानते है, पृथ्वी का पानी हमेशा गतिमान रहता है, और सदैव अपनी अवस्थाएँ बदलता रहता है, हमारे कहने का मतलब यह है की तरल से वाष्प रूप में व वाष्प से बर्फ में और फिर वापस तरल अवस्था में, जल चक्र अरबों वर्षों से काम कर रहा है, और पृथ्वी पर सभी जीव कार्य करने के लिए इस पर निर्भर हैं; इसके बिना पृथ्वी बिलकुल नीरस हो जाएगी, पानी के बिना एक इंसान का जीवित रह पाना ना मुमकिन है. ऐसा माना जाता है, कुदरत ने पृथ्वी पर 1300 करोड़ साल पहले Natural जलचक्र की स्थापना की थी, तब से वह पृथ्वी पर संचालित है. दोस्तों यह कुदरत का हम पर बहुत बड़ा अहसान है, कि कुदरत ने ही पृथ्वी पर पानी की आवश्यक मात्रा का बन्दोबस्त किया है. कुदरत ने ही उसके स्वभाव को निर्मल और फितरत को घूमनेवाला बनाया है. सभी लोगों की नजर में वह, कुदरत की नियामत और अनमोल Natural संसाधन है. हवा के बाद, वह दूसरा Natural संसाधन है जो जीवन की निरन्तरता के लिये जरूरी है, कुदरती व्यवस्था के कारण ही वह पृथ्वी पर अनेक रूपों में मिलता है. वह शून्य डिग्री सेंटीग्रेड तापमान और उसके नीचे बर्फ की शक्ल में मिलता है, पर भाप बनने के लिये उसे किसी निश्चित तापमान की जरूरत नहीं होती. जल ग्रह पृथ्वी का सबसे महत्वपूर्ण तत्व है क्योंकि यह जीवन का समर्थन करता है. पानी के बिना पूरी दुनिया में कोई भी जीवित नहीं रह सकता है. लगभग 72% पृथ्वी की सतह पानी से ढकी है. पृथ्वी पर पानी या तो ठोस रूप (बर्फ), तरल या गैस (जल वाष्प) में मौजूद है।

Answered by Anonymous
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 \colorbox{lightblue}{❥Question}

जलचक्र पर निबंध लिखिये l

\colorbox{cyan}{➠Answer}

पृथ्वी 70 प्रतिशत जल और 30 प्रतिशत भूमि से बनी है, हालाँकि पृथ्वी का प्रमुख हिस्सा पानी है लेकिन दुखद खबर यह है कि पृथ्वी का केवल 3 प्रतिशत पानी ही मनुष्यों द्वारा ग्रहण किया जा सकता है. ताजे पानी हमारे ग्रह में बहुत कम है और मीठे पानी के स्रोत झीलें, तालाब, नदियाँ, बर्फ के बर्ग, ग्लेशियर आदि हैं, पानी के ये सभी रूप पृथ्वी पर पानी के अंतहीन संचलन के कारण बने एक या दूसरे तरीके हैं. निस्संदेह, पृथ्वी पर पानी सभी तीन डोमेन - वायुमंडल, स्थलमंडल और जलमंडल में घूमता रहता है, हमारी पृथ्वी में पानी के इस प्राकृतिक संचलन को जल चक्र कहा जाता है. पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व के लिए जल चक्र एक आवश्यक प्रक्रिया है. एक जगह पर पानी का चक्र दूसरी जगह पानी की अवाप्ति को प्रभावित कर सकता है. इसलिए, जीने के लिए पानी के महत्व को महसूस करते हुए हमें हर समय पानी के संचलन के लिए रास्ता देना चाहिए।

जल चक्र एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो तरल पदार्थ से पानी के कणों को ठोस और गैसों में परिवर्तित करता है, और इसे वार्षिक आधार पर दोहराता है. दोस्तों जब बारिश होती है, पानी जमीन के समानांतर चलता है, और नदियों में प्रवाहित होता है या सीधे समुद्र में गिर जाता है, वर्षा जल का एक भाग जो भूमि पर गिरता है,वह जमीन में रिस जाता है, साल भर इसी तरह जल भूमिगत रूप में संग्रहीत हो जाता है, और यह प्रक्रिया साल दर साल ऐसी ही चलती रहती है, जल के साथ पौधों द्वारा मिट्टी से पोषक तत्वों को भी खींच लिया जाता है, पानी जल वाष्प के रूप में पत्तियों से उड़ जाता है और वातावरण में वापस चला जाता है, यहाँ एक और बात जो हम आपको बताते चले कि वाष्प हवा से हल्की होती है, अतः जल वाष्प ऊपर उठती है और बादलों का रूप ले लेती है. हवाएँ लंबी दूरी तक बादलों को उड़ा कर ले जाती हैं और जब बादल अधिक ऊपर उठ जाते हैं तो वाष्प संघनित हो जाती है और बादल बन जाती हैं. जो बारिश के रूप में जमीन पर गिरती है, यद्यपि यह एक अंतहीन चक्र है जिस पर जीवन निर्भर करता है, मानव गतिविधियां के कारन होने वाले प्रदूषण के जरिये वातावरण में भारी बदलाव आ रहा है, जो वर्षा के स्वरूप में फेरबदल कर रहा है, जल चक्र एक ऐसा तरीका है, जिससे पृथ्वी के चारों ओर पानी चलता है। यह कभी नहीं रुकता है और वास्तव में शुरुआत या अंत नहीं होता है।

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