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जलद
2. ऐसे शब्द, जो सुनने में एक जैसे प्रतीत हों लेकिन उनके अर्थ भिन्न-भिन्न हों, ‘श्रुति
कहलाते हैं। जैसे- अन्य - दूसरा
अन्न - अनाज
नीचे लिखे श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्दों के अर्थ लिखिए-
गति -
गत -
जलद -
जल्द -
हर -
हार-
सुर-
स्वर-
3. निम्नलिखित का वर्ण-विच्छेद कीजिए-
ज्योतिर्मय -
निर्झर - -+-+-+
निर्भय ।
निर्धन
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श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द (Shrutisambhinnarthak Shabd) :-
ये शब्द चार शब्दों से मिलकर बना है ,श्रुति+सम +भिन्न +अर्थ, इसका अर्थ है सुनने में समान लगने वाले किन्तु भिन्न अर्थ वाले दो शब्द अर्थात वे शब्द जो सुनने और उच्चारण करने में समान प्रतीत हों, किन्तु उनके अर्थ भिन्न -भिन्न हों , वे श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द कहलाते हैं !
Shruti Sam Bhinnarthak words with Different Meanings and Same Pronunciation in hindi.
ऐसे शब्द सुनने या उच्चारण करने में समान भले प्रतीत हों ,किन्तु समान होते नहीं हैं, इसलिए उनके अर्थ में भी परस्पर भिन्नता होती है ;
उदाहरण - (अवलम्ब और अविलम्ब) दोनों शब्द सुनने में समान लग रहे हैं, किन्तु वास्तव में समान हैं नहीं, अत: दोनों शब्दों के अर्थभी पर्याप्त भिन्न हैं, 'अवलम्ब ' का अर्थ है - सहारा , जबकि अविलम्ब का अर्थ है - बिना विलम्ब के अर्थात शीघ्र !
ये शब्द निम्न इस प्रकार से है -
अंस - अंश = कंधा - हिस्सा
अंत - अत्य = समाप्त - नीच
अन्न -अन्य = अनाज -दूसरा
अभिराम -अविराम = सुंदर -लगातार
अम्बुज - अम्बुधि = कमल -सागर
अनिल - अनल = हवा -आग
अश्व - अश्म = घोड़ा -पत्थर
अनिष्ट - अनिष्ठ = हानि - श्रद्धाहीन
अचर - अनुचर = न चलने वाला - नौकर
अमित - अमीत = बहुत - शत्रु
अभय - उभय = निर्भय - दोनों
अस्त - अस्त्र = आँसू - हथियार
असित - अशित = काला - भोथरा
अर्घ - अर्घ्य = मूल्य - पूजा सामग्री
अली - अलि = सखी - भौंरा
अवधि - अवधी = समय - अवध की भाषा
आरति - आरती = दुःख - धूप-दीप
आहूत - आहुति = निमंत्रित - होम
आसन - आसन्न = बैठने की वस्तु - निकट
आवास - आभास = मकान - झलक
आभरण - आमरण = आभूषण - मरण तक
आर्त्त - आर्द्र = दुखी - गीला
ऋत - ऋतु = सत्य - मौसम
कुल - कूल = वंश - किनारा
कंगाल - कंकाल = दरिद्र - हड्डी का ढाँचा
कृति - कृती = रचना - निपुण
कान्ति - क्रान्ति = चमक - उलटफेर
कलि - कली = कलयुग - अधखिला फूल
कपिश - कपीश = मटमैला - वानरों का राजा
कुच - कूच = स्तन - प्रस्थान
कटिबन्ध - कटिबद्ध = कमरबन्ध - तैयार / तत्पर
छात्र - क्षात्र = विधार्थी - क्षत्रिय
गण - गण्य = समूह - गिनने योग्य
चषक - चसक = प्याला - लत
चक्रवाक - चक्रवात = चकवा पक्षी - तूफान
जलद - जलज = बादल - कमल
तरणी - तरुणी = नाव - युवती
तनु - तनू = दुबला - पुत्र
दारु - दारू = लकड़ी - शराब
दीप - द्वीप = दिया - टापू
दिवा - दीवा = दिन - दीपक
देव - दैव = देवता - भाग्य
नत - नित = झुका हुआ - प्रतिदिन
नीर - नीड़ = जल - घोंसला
नियत - निर्यात = निश्चित - भाग्य
नगर - नागर = शहर - शहरी
निशित - निशीथ = तीक्ष्ण - आधी रात
नमित - निमित = झुका हुआ - हेतु
नीरद - नीरज = बादल - कमल\
नारी - नाड़ी = स्त्री - नब्ज