Hindi, asked by amangour534, 4 months ago

जन गंगा में ज्वार से क्या अभिप्राय​

Answers

Answered by shishir303
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जन गंगा’ में ज्वार से अभिप्राय​...

‘जन गंगा में ज्वार’ से अभिप्राय ‘गंगा रूपी जनता के कर्म रूपी आंदोलन में ज्वार रूपी जोश’ से है।

‘पहरुए सावधान रहना’ कविता में कवि ‘गिरिजाकुमार माथुर’ एक पंक्ति में कहते हैं, कि...

जन गंगा में ज्वार, लहर तुम प्रवाहमान रहना।

अर्थात कवि के कहने का ये तात्पर्य ये है, पराधीनता की जंजीरों से मुक्त हुये देश के नवनिर्माण के लिये ‘जन गंगा में ज्वार’ यानि ‘देश की जनता का कर्म रूपी आंदोलन अपने चरम पर है’, बस ये आंदोलन निरंतर चलता रहे, जब तक कि हम पराधीनता से हुई हानि की काली छाया से पूरी तरह मुक्त न हो जायें और अपने देश का नवनिर्माण न कर लें।

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