जन्म जन्मांतरों के पुण्य का परिणाम है जिंदगी, तर्पण व समर्पण का परिणाम है जिंदगी। स्वर्ग के देवों का पैगाम है जिंदगी,सेवा और बलिदान का अंजाम है जिंदगी। जिंदगी एक विलक्षण अभियान है,जिंदगी तपोनिष्ठ मनीषियों का तत्व ज्ञान है। जिंदगी अनायास लब्ध चंदन का उद्यान है, ऐसे जियो कि मरकर भी मुस्कराए जिंदगी, , मौत को भी हँसकर गले लगाए जिंदगी।
क) जिंदगी किसका परिणाम है ?
ख)तर्पण और समर्पण शब्दों का क्या अर्थ है ?
ग) जिंदगी कैसी जीनी चाहिए?
घ)ज़िंदगी का उद्देश्य क्या होना चाहिए?
जिंदगी को चंदन का उद्द्यान क्यों कहा गया है ?
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please write in english
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क ) ज़िंदगी कई जन्मो के पुण्य कर्मो का परिणाम है
ख) तप और कर्तव्य
ग) अपने जीवन में ऐसे कार्य करने चाहिए कि मरने के
बाद भी सब याद करे।
घ) अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए सर्व कल्याण हेतु
जीना।
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