Hindi, asked by jasminejaiswal17jan, 17 days ago

जन्मदिन समारोह पर डायरी​

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Answered by Ankit2008
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Answer:

प्रात: उठते ही मैंने अपने गाता-पिता के पैर छुए और उन्होंने मुझे समृद्ध और दीर्घ जीवन का आशीर्वाद दिया । इसके बाद नहा-धोकर मां-बाप के साथ मैं मंदिर गया । मंदिर में पिता जी ने प्रसाद चढ़ाया और हम लोग घर लौटे । घर लौटकर कुल देवताओं के समक्ष माता-पिता ने पुन: पूजन किया और मेरे मस्तक पर रोली-चावल से तिलक लगाया । अब मैं निपट कर अपने ड्राइगरूम में मित्रों की प्रतीक्षा करने लगा ।

शनिवार को ही मैंने मित्रों को 10 बजे प्रात: घर आने का निमन्त्रण दे दिया था । थोड़ी देर में एक-एक, दो-दो करके मित्रों से ड्राइंगरूम भरने लगा । मेरे छोटे भाई-बहिनों ने ड्राइंगरूम को खूब सजा रखा था । मित्र आ-आकर मुझे बधाई देते और मैं उन्हें धन्यवाद देता । हम सभी खूब हंसी-मजाक कर रहे थे । वे मेरे लिए छोटे-छोटे सुन्दर उपहार लाए थे । मैंने कृतज्ञता दिखाते हुए उपहार स्वीकार किये ।

कुछ लड़कों ने बड़े सुरीले सुरों में गाना गाया । मेरी छोटी बहन ने की, पर एक मधुर धुन सुनाई, जिसे सभी ने बहुत पसन्द किया । बीच-बीच में चाय-नाश्ते का दौर चलता रहा । तब तक भोजन तैयार हो गया था । मेरी माताजी ने कई तरह की सब्जियाँ, पकौडे, दही-भल्ले आदि बनाए थे । कुछ मिठाइयाँ बाजार से मगा ली गईं । हम सबने हँसते-बोलते भोजन किया । भोजन की समाप्ति के बाद मित्र विदा हो गए ।

शाम को पिताजी व माताजी ने अपने मित्रो और सहेलियों को बुला रखा था । उस समय एक बड़ा-सा केक सजाया गया, जिसमें 16 मोमबत्तियाँ बुझा दीं । सभी ने जोरों से तालियों पीटकर हर्षस्वनि की और ‘हैपी बर्थ डे टू यू’ के नारे लगाये । मैंने केक का पहला टुकड़ा अपनी माताजी को व दूसरा अपने पिताजी को दिया ।

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